Moonga Ratna

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    लाल रंग का मूंगा रत्न मंगल ग्रह के दोषों को शांत करने के साथ-साथ कर्ज से मुक्ति दिलाता है और व्‍यक्‍ति को अपने मार्ग में आने वाली सभी परेशानियों और अड़चनों को दूर करने की शक्‍ति मिलती है। यह चमत्कारिक रत्न कुंडली के मांगलिक दोष को खत्म करता है।

    मूंगा क्यों पहना जाता है – 

    मूंगा बहुत ही शक्‍तिशाली, सुंदर और आकर्षक रत्‍न है। इस स्‍टोन को पहनने से व्‍यक्‍ति साहसी और शूरवीर बनता है एवं उसके आत्‍मविश्‍वास में वृद्धि होती है। वैदिक ज्‍योतिष में आक्रामक ग्रह मंगल के अशुभ प्रभावों को दूर करने और उसकी कृपा पाने के लिए मूंगा को पहना जाता है।

    मान्‍यता है कि यह स्‍टोन मंगल ग्रह को प्रसन्‍न करने में मदद करता है। मंगल युद्ध और ऊर्जा का कारक है। इस ग्रह का लाल रंग रक्‍त का प्रतीक माना जाता है। इसे अंगाकर और पृथ्‍वी के नज़दीक होने के कारण ‘पृथ्‍वी का पुत्र’ भी कहा जाता है।

    लाल मूंगा को रैड कोरल भी कहा जाता है। पिछले कई वर्षों से आभूषणों में इस रत्‍न का इस्‍तेमाल किया जा रहा है।

    यह रत्‍न समुद्र की गहराई में पाया जाता है और एक विशेष प्रकार के जंतु इस रत्‍न का निर्माण करते हैं। जिस वनस्‍पति से मूंगा उत्‍पन्‍न होता है उसकी लंबाई 2 से 3 फीट होती है। वनस्‍पति से निर्मित होने के कारण ही वनस्‍पति विज्ञान में भी कोरल का अध्‍ययन किया जाता है। समुद्र से बाहर हवा के संपर्क में आने पर यह कठोर हो जाता है।

    मूंगा रत्न पहनने के फायदे –

    मूंगा स्‍टोन परेशानियों और शत्रुओं का सामना करने की शक्‍ति प्रदान करता है। चूंकि, यह रत्‍न मंगल से जुड़ा है इसलिए इसे पहनने से व्‍यक्‍ति को अपने मार्ग में आने वाली सभी परेशानियों और अड़चनों को दूर करने की शक्‍ति मिलती है।

    यदि मंगल की अशुभ स्थिति के कारण किसी व्‍यक्‍ति में धैर्य की कमी है, गुस्‍सा ज्‍यादा आता है या परेशान रहता है तो उसे रैड कोरल पहनने से बहुत लाभ होगा।

    मूंगा को धारण करने का सबसे बड़ा लाभ यही है कि ये मंगल ग्रह से जुड़े मांगलिक दोष को दूर करने में मदद करता है। मांगलिक दोष के कारण व्‍यक्‍ति के विवाह में दिक्‍कतें आती हैं और उसका वैवाहिक जीवन भी सुख से वंचित रहता है। मूंगा स्‍टोन रिश्‍तों में प्रेम और आपसी समझ को बढ़ाता है। अगर आपकी कुंडली में मांगलिक दोष है तो आपको भी ज्‍योतिषाचार्य से कुंडली विश्‍लेषण करवाने के बाद मूंगा स्‍टोन पहनना चाहिए।

    काम-धंधे और व्‍यापार पर भी मूंगा का सीधा असर पड़ता है। इस स्‍टोन को पहनने से धारणकर्ता को काला जादू और बुरी नज़र से भी सुरक्षा मिलती है।

    अगर कोई व्‍यक्‍ति कर्ज में दबा हुआ है या आर्थिक तंगी से परेशान है तो उसे भी मंगल का मूंगा स्‍टोन पहनने से लाभ होगा। मूंगा में समाहित ऊर्जा कम समय में कर्ज से मुक्‍ति दिलाने में मदद कर सकता है।

    भारतीय ज्‍योतिष के अनुसार मूंगा ‘मांगल्‍य बालम’ को प्रदर्शित करता है। इससे वैवाहिक संबंधों में मजबूती आती है और जीवनसाथी की आयु लंबी होती है। इसे पहनने से महिलाओं के पति की दीर्घायु होती है।

    यदि किसी व्‍यक्‍ति को अपने जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है तो उसे मूंगा पहनने से धैर्य एवं साहस की प्राप्‍ति होती है।

    इसे पहनने से जीवन में आने वाली मुश्किलों और परेशानियों का आत्‍मसम्‍मान के साथ सामना करने की शक्‍ति मिलती है।

    अगर आप लीडर बनना चाहते हैं या आपमें नेतृत्‍व करने के गुण की कमी है तो आपको मूंगा पहनने से लाभ होगा।

    मूंगा रत्न धारण विधि – 

    मूंगा की अंगूठी या लॉकेट तांबे, सोने या पंचधातु में पहनना चाहिए। शुक्‍ल पक्ष के मंगलवार की सुबह उठकर स्‍नान करें और घर के पूजन स्‍थल में साफ आसन पर बैठ जाएं। अब मूंगा रत्‍न को कम से कम 10 मिनट के लिए गंगाजल/गाय के दूध/ताजे जल में भिगो कर रख दें। इसके बाद 108 बार ‘ऊं मंगलाय नम:’ मंत्र का जाप करें। धूप जलाएं और सूर्य की ओर मुख करके इस रत्‍न को धारण कर लें।

    मूंगा कौन पहन सकता है? – 

    जन्‍मकुंडली में ग्रहों की निम्‍न स्थिति में मंगल का मूंगा रत्‍न पहना जा सकता है:

    • मंगल राहू या शनि के साथ किसी भाव में बैठा हो।
    • जब मंगल कुंडली के प्रथम भाव में स्थि‍त हो।
    • मंगल के चौथे भाव में होने पर, इससे भाई-बहनों के बीच मतभेद रहते हैं।
    • यदि मंगल सातवें और दसवें भाव में हो, इसका जीवनसाथी को नुकसान होता है।
    • अगर द्वितीय भाव के नक्षत्र स्वामी में उप स्वामी अपने 11वें, 9वें, चौथे, पांचवे या बारहवें घर में मंगल स्थित हो।
    • यदि नवम भाव का नक्षत्र स्‍वामी मंगल चौथे भाव में प्रवेश करे या दशम भाव का नक्षत्र स्‍वामी मंगल पांचवे या ग्‍यारहवे भाव में प्रवेश करे।
    • जब मंगल की सातवे, दसवे और ग्‍यारहवें भाव पर दृष्टि हो, तब मूंगा धारण करना अत्‍यंत लाभकारी सिद्ध होता है।
    • अगर मंगल छठे, अष्‍टम या बारहवें घर में हो एवं मंगल की दृष्टि सूर्य पर हो।
    • यदि कुंडली में मंगल चंद्रमा के साथ बैठा हो तो इस स्थिति में मूंगा पहनने से आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में मदद मिलती है।
    • मंगल की छठे और अष्‍टम भाव पर दृष्टि हो या मंगल मार्गी या वक्री चाल में हो।
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